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सऊदी अरब में महिलाओं पर 11 ऐसे प्रतिबंध जिन पर विश्वास करना बेहद मुश्किल परन्तु सच हैं

सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करने से लेकर पति चुनने तक, इस देश में महिलाओं के लिए लगभग सब कुछ प्रतिबंधित है। विश्व आर्थिक मंच के अनुसार, सऊदी अरब समानता के मामले में 134 देशों में से 129 वें स्थान पर है। अरब दुनिया में महिलाएं वास्तव में इस देश में कैसे रहती हैं, जहां महिलाओं के अधिकार विशेष रूप से नियंत्रित होते हैं? 


1.इजाजत के बिना एक कदम नहीं उठा सकती

सऊदी अरब में महिलाओं को आजादी से कोई भी कदम उठाने की अनुमति नहीं है इस तरह के रिश्ते को मेहरम बोलते हैं अपने पति की आज्ञा के बिना वह विदेश भी नहीं जा सकती नौकरी भी नहीं कर सकती शादी भी नहीं कर सकती यहां तक कि किसी यूनिवर्सिटी में एडमिशन भी नहीं ले सकती है|

2. गाडी चलाने का अधिकार

यह मुद्दा जल्द ही एक भूत काल की वस्तु बन जाएगा| पिछले कुछ सालों में महिलाओं के अधिकार को लेकर खाड़ी देशों में कई तरह के कानूनों पर काम किया गया है| यदि आप को कार चलानी है तो आपको अपने गार्जियन से अनुमति लेनी पड़ेगी नहीं तो यह गैरकानूनी है|

3. सार्वजनिक परिवहन पर पाबंदी

आप अकेले सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग नहीं कर सकते हैं| महिलाएं ट्रेन से जा सकती है परंतु वह सिर्फ उसी कोच में बैठ सकती है जो ट्रेन के सबसे अंत में है तथा जिसमें सिर्फ महिलाएं हैं| इसीलिए अधिकतर सऊदी अरब की महिलाएं पैदल चलना ही पसंद करती है|

4. सुन्दर काले वस्त्र

सऊदी अरब में महिलाएं कुछ इस तरह के कपड़े पहनती है कि उनका सिर्फ चेहरा, हाथ और पैर ही दिखाई देते हैं| इसके लिए वह एक काले कलर का वस्त्र पहनती है| इसके अलावा वहां पर महिलाओं को कुछ और पहनने की अनुमति नहीं है| यहां तक कि कपड़ों पर कुछ अलग तरह की आकृति भी नहीं होना चाहिए| वहां पर धर्म के आधार पर कपड़ों पर भी काफी सख्ती की गई है|

5. उच्च शिक्षा परन्तु किसी काम की नहीं

वहां पर महिलाएं पढ़ाई तो कर सकती है परंतु उनके ऊपर कई सारे प्रतिबंध हैं| आपको जानकर बेहद हैरानी होगी कि सऊदी अरेबिया में पढ़ी लिखी महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है परंतु पढ़ाई करने के बाद उन्हें काम नहीं करने दिया जाता है| वह तभी काम कर सकती है, जब उनके गार्जियन उनको अनुमति दें , इसके अलावा वह विदेश जाकर भी पढ़ाई नहीं कर सकती है|

6. कार्य


हालांकि वहां पर महिलाओं के उत्थान के लिए कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं परंतु अभी भी महिला श्रमिकों की संख्या सऊदी अरेबिया में मात्र 17% है| आज भी सऊदी अरब में अधिकांश महिलाएं घर और बच्चों की रखवाली ही करती है|

7. शादी और प्यार

सऊदी अरब में शादी के लिए कोई निश्चित उम्र नहीं है| वहां पर अधिकतर जल्दी ही लड़कियों की शादी कर दी जाती है| जिसके कारण उनको स्कूल भी छोड़ना पड़ता है तथा वहां पर अर्ली प्रेगनेंसी और डिलीवरी के कई सारे मुद्दे उठते हैं| जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है तथा कई की मृत्यु हो जाती है|

8. यात्रा

यदि आपके घर पर कोई मेहमान आता है तो आप उससे बात नहीं कर सकते हैं| यदि आपको बात करना है तो घर के खास हिस्से में जाकर ही आप बात कर सकते हैं| यदि महिला का पति अपने पुरुष दोस्तों के साथ बैठक कर रहा है तो वह महिला अपने पति से जाकर कुछ बोल नहीं सकती है| वह अन्य पुरुषों के सामने नहीं आती यदि उसे अपने पति से बात करना है तो उसे टेलीफोन के द्वारा करनी होगी| सऊदी अरेबिया में हर घर में दो अलग अलग अंदर आने के दरवाजे होते हैं| एक पुरुषों के लिए और 1 महिलाओं के लिए|

9. असमानता

सऊदी में महिलाओं को मूलभूत अधिकार भी नहीं है| वह किसी भी अनजान पुरुष के साथ बातचीत नहीं कर सकती हैं| यहां तक कि जब वह सार्वजनिक स्थान पर जाती हैं जैसे कि समुद्री तट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, भोजनालय वहां पर भी महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग जगह होती है| कई बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे कि पिज़्ज़ा हट, मैकडॉनल्ड ने भी अपने रेस्टोरेंट में यह खास तरह की व्यवस्था करी है|

10. सब सामान होते हुए भी असमान हैं

वहां पर महिलाओं को कानून में भी कोई विशेष अधिकार नहीं है| यदि महिला कोई शिकायत दर्ज कराना चाहती है तो उसे 6 पुरुष विटनेस की जरूरत पड़ेगी| वहां पर कानून से ज्यादा धर्म को तवज्जो दी जाती है|

11. खेल

इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी के दबाव के कारण सऊदी अरेबिया के लोगों को पहली बार 2012 ओलंपिक गेम्स में अपने देश को का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला| सऊदी अरब दुनिया का एकमात्र ऐसा देश था जिसने किसी भी तरह के कंपटीशन में महिलाओं के भाग लेने पर प्रतिबंध लगा रखा था| हालांकि वहां पर आज भी खेल में करियर बनाना बेहद मुश्किल काम है|







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