चंद्रयान-1 से नासा ने ऐसा क्या भेजा जो चाँद पर पानी की तस्वीर खींच गई
चंद्रयान-1 से नासा ने ऐसा क्या भेजा जो चाँद पर पानी की तस्वीर खींच गई , चांद पर पानी मिल गया है। और यह छोटी बात नहीं है , बहुत बड़ी खोज हुई है। और उसका इंडिया कनेक्शन भी है। । भारत में 2008 में चंद्रयान-1 भेजा था......... यह चांद के ध्रुवों पर मिला है। यह चांद की सबसे ठंडी जगह होती हैं..........
चांद पर पानी मिल गया है। और यह छोटी बात नहीं है , बहुत बड़ी खोज हुई है। और उसका इंडिया कनेक्शन भी है। । भारत में 2008 में चंद्रयान-1 भेजा था। अमेरिका ने इंडिया के चंद्रयान पर क्या किया की डिवाइस लगा दी डिवाइस का नाम MP4 . भारत की वजह से चांद की सतह पर पानी के जमा होने के सबूत मिल गए हैं और पानी जमा है। क्योंकि चांद पर पानी मिलने का मतलब है कि वहां जीवन भी हो सकता है , मैं बात कर रहा हूं इंसानी जीवन के चांद पर होने की संभावना की , भविष्य में अगर चांद पर पानी है , तो वहां बस्तियां बसाने में वनस्पति आने में सुविधा हो सकता है।
तो जाहिर सी बात है कि यह लिक्विड फॉर्म में भी मिल ही जाएगा जो पानी है। अब लोगो का यह सवाल है की पानी मिला कहां है। चांद तो बहुत बड़ा है ? यह चांद के ध्रुवों पर मिला है। यह चांद की सबसे ठंडी जगह होती हैं। यानी वहां की जमीन के नीचे है और साउथ कोरिया ने दक्षिण ध्रुव पर भी थोड़ा बहुत होने की संभावना है। लेकिन आप से पहले यह संभावना थी सुबूत नहीं थे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 2008 में प्रक्षेपित किये गए चंद्रयान-1 अंतरिक्षयान के साथ एम3 को भेजा गया था. ये जल हिम ऐसे स्थान पर पाये गए हैं, जहां चंद्रमा के घूर्णन अक्ष के थोड़ा झुके होने के कारण सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंच पाती.
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चंद्रयान से नासा ने ऐसा क्या भेजा जो चाँद पर पानी की तस्वीर खींच गई |
चांद पर पानी मिल गया है।
चांद पर पानी मिल गया है। और यह छोटी बात नहीं है , बहुत बड़ी खोज हुई है। और उसका इंडिया कनेक्शन भी है। । भारत में 2008 में चंद्रयान-1 भेजा था। अमेरिका ने इंडिया के चंद्रयान पर क्या किया की डिवाइस लगा दी डिवाइस का नाम MP4 . भारत की वजह से चांद की सतह पर पानी के जमा होने के सबूत मिल गए हैं और पानी जमा है। क्योंकि चांद पर पानी मिलने का मतलब है कि वहां जीवन भी हो सकता है , मैं बात कर रहा हूं इंसानी जीवन के चांद पर होने की संभावना की , भविष्य में अगर चांद पर पानी है , तो वहां बस्तियां बसाने में वनस्पति आने में सुविधा हो सकता है।
तो जाहिर सी बात है कि यह लिक्विड फॉर्म में भी मिल ही जाएगा जो पानी है। अब लोगो का यह सवाल है की पानी मिला कहां है। चांद तो बहुत बड़ा है ? यह चांद के ध्रुवों पर मिला है। यह चांद की सबसे ठंडी जगह होती हैं। यानी वहां की जमीन के नीचे है और साउथ कोरिया ने दक्षिण ध्रुव पर भी थोड़ा बहुत होने की संभावना है। लेकिन आप से पहले यह संभावना थी सुबूत नहीं थे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 2008 में प्रक्षेपित किये गए चंद्रयान-1 अंतरिक्षयान के साथ एम3 को भेजा गया था. ये जल हिम ऐसे स्थान पर पाये गए हैं, जहां चंद्रमा के घूर्णन अक्ष के थोड़ा झुके होने के कारण सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंच पाती.
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